Skip to main content

#ज़रुर_पढये मुसलमानो तुम्हारी पहचान क्या यही रह गयी है..??

#ज़रुर_पढये

मुसलमानो तुम्हारी पहचान क्या यही रह गयी है..??

न जिस्म पर इस्लामी लिबास,न चेहरे पर सुन्नते रसूल,न सरो पर अमामा शरीफ,
जेब में सब कुछ लेकिन टोपीनही,मिस्वाक नही,गुनाह कर करके,
झूट बोल बोल के,नमाज़े क़ज़ा कर करके,नाजाइज़ लुक़मा खा खा के,
चेहरे की वो नूरानियत भी जाती रही,
जो नबी  के सदक़े में अल्लाह ने मुसलमानो को अता की थी..

अब सुने आगे.
कभी गौर किया इस बात पर कि तुम रोज़ाना सफर करते हो अकेले में मौत आ जाए अटैक, एक्सीडेंट, और तुम घर से दूर इंतिक़ाल कर गए मुझे बताओ तुम्हे कैसे पहचानेंगे पोलिस डॉक्टर और लोग..??
क्यूंकि कोई निशानी तो थी नही अब कैसे पता लगाये की मरा हुवा इंसान मुस्लमान है या गैर मुस्लिम.??
बड़े अफ़सोस के साथ कहना पढता है कि फिर तुम्हारी शर्मगाह को देखा जायेगा अगर खतना किया हुआ है तो मुसलमान है, नही किया हुआ है तो गैर मुस्लिम.??

सोचो जिस मुसलमान की पहचान उसके चेहरे से
उसके लिबास से,
उसकी बातो से हुआ करती थीं,
आज उसकी पहचान के लिए उसकी शर्मगाह देखी जा रही है..

क्या ये है तुम्हारी पहचान..??
क्या हो गया है
ठोकरों में आ गए हो जबसे अल्लाह रसूल से दूरी बनाई है..

जिसे देखो फालतू की फोटो ग्राफी,
शेरो शायरी,
लड़की बाज़ी,
रिया कारी दिखावा
नमाज का ठिकाना नही,
 बस यही हक़ था इस्लाम का..
क्या हक़ अदा किया तुमने अल्लाह और उसके रसूल का..
कहाँ गयी तुम्हारी ग़ैरत.??
कुछ तो अपने अंदर के इंसान को झिंझोड़ो यार,
कब आखिर कब समझोगे वक़्त निकला जाता है हाथ से,
मान जाओ यार मान जाओ.....
ये जवानी दीन के काम के लिए है बर्बादी और अय्याशी के लिए नही है.
✍By  Anjali Sharma

Comments

Popular posts from this blog

गाँव का जीवन और रहन सहन

भारत गाँवों का देश है । हमारे देश की साठ-सत्तर प्रतिशत जनसंख्या अब भी गाँवों में ही रहती है । गाँव का जीवन शहरी जीवन से अलग होता है । यहाँ की आबोहवा में जीना सचमुच आनंददायी होता है । गाँवों में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं । यहाँ भारत की सदियों से चली आ रही परंपराएँ आज भी विद्‌यमान हैं । यहाँ के लोगों में अपनापन और सामाजिक घनिष्ठता पाई जाती है । यहाँ खुली धूप और हवा का आनंद उठाया जा सकता है । यहाँ हरियाली और शांति होती है । हमारे गाँव भारत की कृषि व्यवस्था के आधार हैं । यहाँ कृषकों का निवास होता है । गाँव के चारों ओर खेत फैले होते हैं । खेतों में अनाज एवं सब्जियों उगाई जाती हैं । गाँवों में तालाब और नहरें होती हैं । इनमें संग्रहित जल से किसान फसलों की सिंचाई करते है । गाँवों में खलिहान होते हैं । यहाँ पकी फसलों को तैयार किया जाता है । गाँवों में खेती क अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय किए जाते हैं । पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है तथा कृषि कार्य में सहायता मिलती है । पशुओं का गोबर खाद का काम करता है । पशु दूध देते हैं तथा बैल, भैंसा आ...

सिद्धार्थनगर का परिचय

जिले का इतिहास भगवान गौतम बुद्ध से जुड़ा है | इनके पिता शुद्धोधन की राजधानी कपिलवस्तु इसी जिले में है | इस जनपद का नामकरण गौतुम बुद्ध के बाल्यावस्था नाम राजकुमार सिद्धार्थ के नाम पर हुआ है | अतीतकाल में वनों से आच्छादित हिमालय की तलहटी का यह क्षेत्र साकेत अथवा कौशल राज्य का हिस्सा था | ईसा पूर्व छठी शताब्दी में शाक्यों ने अपनी राजधानी कपिलवस्तु में बनायीं और यहाँ एक शक्तिशाली गणराज्य कि स्थापना की | काल के थपेड़े से यह क्षेत्र फिर उजाड़ हो गया | अंग्रेजी शासन में ज़मींदारो ने यहाँ पर पैर जमाया | सन 1865 में गोरखपुर से पृथक बस्ती जिले के सृजन के बाद यह क्षेत्र बस्ती जिले में आ गया | 29 दिसम्बर 1988 को राजकुमार सिद्धार्थ के नाम पर जनपद बस्ती के उत्तरी भाग को पृथक कर सिद्धार्थनगर जिले का सृजन किया गया | उत्तर प्रदेश सरकार, राजस्व अनुभाग-5 के अधिसूचना संख्या-5-4-(4)/76-135-रा0-5(ब) दिनांक 23 दिसम्बर 1988 के आधार पर दिनांक 29 दिसम्बर 1988 से जनपद-सिद्धार्थनगर नामक नये जिले का सृजन किया गया | यह जिला पूर्व में बस्ती जिले का हिस्सा था | तहसील-बांसी, नौगढ़ और डुमरियागंज तहसीलो...

सपा नेता चिनकू यादव की सुरक्षा व अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन

।  समाजवादी पार्टी के नेता और डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार रहे चिनकू यादव को हत्या की धमकी देने वाले के विरूद्ध कारवाई न होने से आक्रोशित सपाइयों व यादव सेना ने मिल कर जिला मुख्यालय पर प्रदर्श किया तथा प्रशासन को ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग की। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दिया है कि अभियुक्त की गिरफ्तारी न होने पर आगे बड़ा आंदोलन किया जायेगा। मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ और यादव सेना के तत्वावधान में  कार्यकर्ताओं और चिनकू यादव के समर्थकों ने आज जिला मुख्यालय के सिद्धार्थ तिराहे तक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सपा नेता को हत्या की धमकी देने वाले की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि धमकी देने वाले का मोबाइल नम्बर पुलिस को दिया गया है मगर प्रशासन दोषी को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारे लगाते सभी प्रदर्शनकारी दोपहर दो बजे कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे और जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर चिनकम यादव को सुरक्षा प्रदान करने व उन्हें धमकी देने वाले की मांग की। बताते ...