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बिहार में बाढ़ सरकार और हम!



इस बार बिहार में आई बाढ़ इस शताब्दी में आई सबसे भयंकर बाढ़ है, बिहार में किसी भी नदी के 10 किलोमीटर के रेडियस में जाइये आपको हर तरफ पानी ही पानी मिलेगा। जो सहायक नदियाँ आम दिनों में किसी नाले से ज़्यादा नही होती, आज के वक़्त में सैंकड़ो गाँव को लील चुकी है।

लेकिन सरकार है कि जागने का नाम नही ले रही है, बाढ़ पीड़ितों की सहायता के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही हो रही है। मुज़फ़्फ़रपुर के पूसा मुख्यालय से कुछ गिनती की नाव बोचहाँ प्रखंड में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए भेजी गई हैं, लेकिन सहायता के नाम पर सरकार बाढ़ में फंसे लोगों को बचा नही रही है, सिर्फ उन तक खाना, दावा और बहुत ज़रूरी सामान पहुँचा रही है, वो भी सिर्फ 5 से 8 पर्तिशत बाढ़ पीड़ितो तक ही, बाकी के बाढ़ पीड़ित नाजाने कितने दिनों से भूखे और बीमार हैं।

सरकार ने इस साल बाढ़ पीड़ितों को बचाने का नायाब तरीका ढूंढ निकाला है, सरकार ने कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी कर कहा है, अगर आप बाढ़ में फसे हुए हैं तो हमें फोन कर बताइये हम आपको बचाने आ जायेंगे। मुझे ये ख़बर किसी भद्दे मज़ाक से ज़्यादा कुछ नही लगी। सरकार में बैठे जिस अधिकारी ने ये सर्कुलर जारी किया है, शायद उसे इतना भी पता नही की बाढ़ आने के वक़्त और बाढ़ आ जाने के बाद के हालात कैसे होते हैं।

सरकार की ज़िम्मेदारी क्या है। बाढ़ पीड़ितों को बाढ़ से बचना, या बाढ़ में फसे लोगों को बाहर निकलना, या सिर्फ उनतक खाना/दवा पहुंचा देना? आज के दौर में हम सरकार से कोई सवाल नही कर रहे हैं जबकि सरकार की ज़िम्मेदारी सबसे पहले बाढ़ में फसे लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की होनी चाहिये, फिर उनतक खाना दावा पहुंचाने की होनी चाहिये मगर बिहार सरकार इन दोनों में से कुछ भी संतुष्टि के पैमाने पर नही कर रही है। ऐसा लग रहा है जैसे सरकार ने जनता को मरने के लिए बाढ़ में छोड़ दिया है।

चुनाव के वक़्त आम जनता को हर रोज़ कई हैलीकॉप्टर आसमान में उड़ते दिखाई दे जाते हैं, लेकिन इस बार की बाढ़ में कितने हैलीकॉप्टर आसमान में उठड़े हुए दिखाई दे रहे हैं? मुझे तो एक भी नही दिखा, अगर है भी तो ज़रूरत से बेहद कम जिसकी गिनती ना के बराबर है। क्यों? किसी ने पूछा? किसी ने जानने की कोशिश की केंद्र सरकार प्रकीर्तिक आपदा के वक़्त राज्य सरकार को सहायता राशि के साथ मे ज़रूरी उपकरण और सेना मुहैया कराती है, इस बार की बाढ़ में क्यों नही कराया?

हम जनता भी अपने आपको सरकार के बराबर का दोषी क्यों नही माने? आज हम और आप चुप हैं, जिसकी वजह से हमारे-आपके भाई बाढ़ में मर रहे हैं या बाढ़ के पानी मे बैठ कर अपनी मौत का इंतज़ार कर रहे हैं। क्योंकि वो भी जानते हैं, सरकार उनकी मदद करने नही आएग और आप भी उनकी मदद में कुछ नही करेंगे।

खैर कोई बात नही, कैंडल तैयार रखिये, बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद जब मर चुके लोगों का आंकड़ा आएगा तब कैंडल मार्च करने में आसानी होगी।।

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