सिद्धार्थनगर कार्यालय। एनएच 233 के भूमि अधिग्रहण में मुआवजा धनराशि में भूमि अध्याप्ति कार्यालय के कर्मचारियो द्वारा भारी अनियमितता किया गया है। जिन लोगों का कान अधिग्रहित हुआ है। उनके मकान में अधिक कमरे की संख्या दिखाकर करोड़ो का बन्दरबाट किया गया है। तथा ज्यादा धनराशि मुआवजा में दिया जा रहा है। उक्त बातें सुरेन्द्र कुमार मौर्य ग्राम पटनी जंगल विकास खण्ड नौगढ़ ने एक उपजिलाधिकारी नौगढ़ को ज्ञापन देकर जांच की मांग की है। उन्होने एसडीएम सदर को दिये गये ज्ञापन में लिखा है कि परसा शाह आलम में चन्द्रशेखर के मकान में मौजूद कमरो की संख्या से अधिक संख्या दिखाकर ज्यादा मुआवजा देकर भारी कमीशन का खेल खेला गया है। इतना ही नही इस प्रकार कई ऐसे मकानो में ज्यादा से ज्यादा कमरा दिखाकर सरकार के धन का भारी बन्दरबाट किया गया है। श्री मौर्या ने उक्त प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होने विशेष भूमि अध्याप्त अधिकारी को भी विज्ञप्ति देकर इस प्रकरण की जांच कराने की मांग की है।
भारत गाँवों का देश है । हमारे देश की साठ-सत्तर प्रतिशत जनसंख्या अब भी गाँवों में ही रहती है । गाँव का जीवन शहरी जीवन से अलग होता है । यहाँ की आबोहवा में जीना सचमुच आनंददायी होता है । गाँवों में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं । यहाँ भारत की सदियों से चली आ रही परंपराएँ आज भी विद्यमान हैं । यहाँ के लोगों में अपनापन और सामाजिक घनिष्ठता पाई जाती है । यहाँ खुली धूप और हवा का आनंद उठाया जा सकता है । यहाँ हरियाली और शांति होती है । हमारे गाँव भारत की कृषि व्यवस्था के आधार हैं । यहाँ कृषकों का निवास होता है । गाँव के चारों ओर खेत फैले होते हैं । खेतों में अनाज एवं सब्जियों उगाई जाती हैं । गाँवों में तालाब और नहरें होती हैं । इनमें संग्रहित जल से किसान फसलों की सिंचाई करते है । गाँवों में खलिहान होते हैं । यहाँ पकी फसलों को तैयार किया जाता है । गाँवों में खेती क अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय किए जाते हैं । पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है तथा कृषि कार्य में सहायता मिलती है । पशुओं का गोबर खाद का काम करता है । पशु दूध देते हैं तथा बैल, भैंसा आ...
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