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अमित शाह के बेटे पर लगे आरोपों पर यशवंत सिन्हा का हमला, कहा- भ्रष्टाचार के मामले में नैतिक आधार खो चुकी है BJP

न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी का टर्नओवर कथित तौर पर 16 हजार गुना बढ़ने की खबर ने सियासी हलकों में हंगामा मचा दिया है। जय शाह पर लगे आरोपों ने कांग्रेस को बैठे-बैठे एक हथियार दे दिया है। विपक्ष के साथ-साथ अब भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी अपनी पार्टी पर जमकर हमला बोला है।

यशवंत सिन्हा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बटे जय शाह मामले को लेकर अपनी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस मामले बीजेपी इस तरह से प्रतिक्रिया दे रही है जिसे देखने के बाद लगता है कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है। यशवंत सिन्हा ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टोलेरेंस की बात कहने वाली बीजेपी नैतिक आधार खो चुकी है।
NDTV से बातचीत में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पर हमला करते हुए सिन्हा ने कहा कि ऐसा लगता है कि वह कंपनी के सीए की तौर पर सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि वेबसाइट ‘द वायर’ के खिलाफ जिस तरह से मानहानि का मुकदमा किया गया है वह मीडिया और देश के लिए ठीक नहीं है। सरकार को इस मामले की पूरी जांच करवानी चाहिए।
पूर्व वित्त मंत्री ने बीजेपी और सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टोलेरेंस की बात कहने वाली बीजेपी नैतिक आधार खो चुकी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एडिशनल सॉलिसिटर इस मुकदमे की पैरवी करने जा रहे हैं ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। इसके साथ ही सिन्हा ने सफाई भी दी कि उनका कोई एजेंडा नहीं है।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल द्वारा एक निजी व्यक्ति का मुकदमा लड़ना ऐसा कभी नहीं हुआ है। उन्होंने NDTV से कहा कि जिस तरह से ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जय शाह को लोन दिया गया और इसके बाद पूर्व ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने उनका बचाव किया इससे ये अर्थ निकलता है कि कोई ना कोई गड़बड़ है। उन्होंने कहा कि इससे पार्टी की छवि को धक्का पहुंचा है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की स्वामित्व वाली कंपनी का सालाना टर्नओवर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और पिता अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद 16,000 गुना बढ़ गया। वेबसाइट के मुताबिक, यह खुलासा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में दाखिल किए गए दस्तावेजों से सामने आई है।
द वायर के मुताबिक, कंपनी की बैलेंस शीटों और आरओसी से हासिल की गई वार्षिक रिपोर्टों के मुताबिक, वर्ष 2013 और 2014 के मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्षों में शाह की टेंपल इंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कोई खास कारोबार नहीं कर रही थी और इन वर्षों में कंपनी को क्रमशः 6,230 और 1,724 रुपये का घाटा हुआ।
वहीं, 2014-15 में कंपनी ने महज 50,000 रुपये की आमदनी पर 18,728 रुपये का लाभ दिखाया। जबकि 2015-16 में कंपनी का टर्नओवर आसमान में छलांग लगाते हुए बढ़कर 80.5 करोड़ रुपये को छू गया। यह 2014-15 के मुकाबले 16 हजार गुना ज्यादा है।
वेबसाइट का दावा है कि टेंपल इंटरप्राइज के राजस्व में यह हैरान करने वाली बढ़ोत्तरी एक ऐसे समय में हुई जब कंपनी को राज्यसभा सांसद और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शीर्ष एक्जीक्यूटिव परिमल नाथवानी के समधी राजेश खंडवाला के स्वामित्व वाली एक वित्तीय सेवा कंपनी से 15.78 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज मिला था।
हालांकि, एक साल बाद अक्टूबर, 2016 में जय शाह की कंपनी ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों को अचानक पूरी तरह से बंद कर दिया। द वायर के मुताबिक, निदेशकों की रिपोर्ट में यह कहा गया कि पिछले वर्ष हुए 1.4 करोड़ रुपये के घाटे और इससे पहले के सालों में होने वाले नुकसानों के कारण कंपनी का नेटवर्थ पूरी तरह से समाप्त हो गया है।
100 करोड़ का दायर किया केस
इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने वेब पोर्टल ‘द वायर’ से जुड़े सात लोगों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में जय अमितभाई शाह ने ‘द वायर’ की रिपोर्टर रोहिणी सिंह, फाउंडर एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एमके वेणु, मोनोबिना गुप्ता, पामेला फिलिपोज को इस मानहानि केस में पार्टी बनाया है। जय शाह ने ‘द वायर’ की मिल्कियत रखने वाले ट्रस्ट ‘फ़ाउंडेशन फ़ॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज़्म’ पर भी केस किया है।

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