फोर्ब्स की रिपोर्ट में खुलासा, नोटबंदी औऱ GST में ‘अमीरों’ की चाँदी ‘गरीब’ की बर्बादी, अंबानी की संपत्ति 67% बढ़ी
फॉर्ब्स की भारत के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में मुकेश अंबानी ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। 38 अरब डॉलर यानी 2.5 लाख करोड़ की संपत्ति के साथ वो इस बार फिर शीर्ष स्थान पर रहे। इसके साथ ही आर्थिक संकटों के बावजूद भारतीय अमीरों की संपत्ति 26% बढ़ी।
विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी पिछले कई साल से भारत के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं। लेकिन पिछला साल उनके लिए कुछ ज़्यादा ही लाभदायक रहा। नोटबंदी और जीएसटी के बावजूद पिछले एक साल में उनकी संपत्ति 67% बढ़ी है। उनकी कुल संपत्ति (नेटवर्थ) बढ़कर 38 अरब डॉलर यानी 2.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
लिस्ट देखते हुए लगता है कि नोटबंदी और जीएसटी से केवल देश के गरीब वर्ग की ही कमर टूटी है। अम्बानी के आलावा देश के सभी अमीरों की संपत्ति में इज़ाफा हुआ है। शीर्ष 100 अमीर लोगों की संपत्ति में 26% का इज़ाफा हुआ है। इन अमीरों की संपत्ति 31 लाख करोड़ हो गई है।
इस बात पर फोर्ब्स पत्रिका ने भी हैरत करते हुए कहा कि “भारत में नोटबंदी और जीएसटी के कारण आर्थिक स्थिति में हिचकोले आए लेकिन इसके बावजूद शीर्ष अमीरों की संपत्ति 26% बढ़ी।
ये आकड़ा खुश होने वाला नहीं बल्कि डराने वाला है। क्योंकि देश का गरीब वर्ग इस समय अर्थव्यवस्था में आई मंदी से परेशान है। नोटबंदी और जीएसटी के कारण लाखों लोगों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ा और व्यापारी भी नए टैक्स सिस्टम से परेशान हैं।
वहीं दूसरी तरफ देश के शीर्ष अमीरों की संपत्ति में भारी इज़ाफा हो रहा है। इस तरह देश में आर्थिक खाई चौड़ी हो रही है। गौरतलब है कि ग्लोबल हेल्थ डाटाबुक की रिपोर्ट बताती है कि भारत में 58.4% सम्पत्ति की मलिक 1% जनता है।
इसके परिणाम गरीब वर्ग का हाशिए पर जाना, मज़दूरों के अधिकारों में कटोती और दास पर्था जैसी चीज़ों की शुरुआत के रूप में सामने आ सकते हैं।
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