सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस गांव को गोद लिया था वहां आज भी लोग खुले में शौच जाते हैं। इस गांव को खुले में शौच से मुक्त भी घोषित किया जा चुका है लेकिन फिर भी यह समस्या बनी हुई है।
जयापुर गांव में सरकार और एनजीओ ने मिलकर 423 परिवारों के लिए 624 शौचालयों का निर्माण किया था। इसमें से 194 शौचालय तो अतिरिक्त हैं। लेकिन इसके बाद भी लोग उनका इस्तेमाल नहीं करते। कुछ लोग इसके लिए उन शौचालयों की खराब हालत का हवाला देते हैं तो कुछ अपनी पुरानी आदत का।
बताया जाता है कि कई शौचालय टूटे हुए और बिलकुल खराब हालत में हैं। कई में तो ताला पड़ा है। ऐसे शौचालयों को कोई इस्तेमाल करे भी तो कैसे।। इतना ही नहीं, कई जगहों पर पानी तक नहीं है। वहीं जिन शौचालयों की स्थिति खराब नहीं है वह घरों से इतनी दूर हैं कि किसी के लिए भी उनका इस्तेमाल करना मुश्किल है।
भले ही गांव में जरूरत से अधिक शौचालय बने हो, कई घरों को एक भी मिला ही नहीं। जयपुर निवासी राजाराम ने बताया कि ऐसा भी हुआ है कि किसी घर में कई शौचालय बनवा दिए गए लेकिन उनके घर में एक भी नहीं बना।
इस बीच गांव की ही एक अन्य महिला ने शौचालयों के गलत बंटवारे को लेकर ग्राम प्रधान नारायण पटेल पर आरोप लगाया है।
जयापुर गांव में सरकार और एनजीओ ने मिलकर 423 परिवारों के लिए 624 शौचालयों का निर्माण किया था। इसमें से 194 शौचालय तो अतिरिक्त हैं। लेकिन इसके बाद भी लोग उनका इस्तेमाल नहीं करते। कुछ लोग इसके लिए उन शौचालयों की खराब हालत का हवाला देते हैं तो कुछ अपनी पुरानी आदत का।
बताया जाता है कि कई शौचालय टूटे हुए और बिलकुल खराब हालत में हैं। कई में तो ताला पड़ा है। ऐसे शौचालयों को कोई इस्तेमाल करे भी तो कैसे।। इतना ही नहीं, कई जगहों पर पानी तक नहीं है। वहीं जिन शौचालयों की स्थिति खराब नहीं है वह घरों से इतनी दूर हैं कि किसी के लिए भी उनका इस्तेमाल करना मुश्किल है।
भले ही गांव में जरूरत से अधिक शौचालय बने हो, कई घरों को एक भी मिला ही नहीं। जयपुर निवासी राजाराम ने बताया कि ऐसा भी हुआ है कि किसी घर में कई शौचालय बनवा दिए गए लेकिन उनके घर में एक भी नहीं बना।
इस बीच गांव की ही एक अन्य महिला ने शौचालयों के गलत बंटवारे को लेकर ग्राम प्रधान नारायण पटेल पर आरोप लगाया है।
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