बांसी, सिद्धार्थनगर |आदर्श नगर पालिका परिषद बांसी के प्रतापनगर वार्ड अंतर्गत शिव मंदिर के पास सड़क में भारी गड्ढा होने के चलते लोगों का आना जाना मुश्किल हो गया है । इस सड़क से संबंधित लोग दो किलोमीटर की दूरी तय कर दूसरे रास्ते से अपने घरों को पहुंच रहे हैं । जिससे मोहला वासियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।प्रताप नगर वार्ड के शिव मंदिर के पास नगर पालिका परिषद ने लगभग दो वर्ष पूर्व सड़क का निर्माण कराया था । सड़क निर्माण कराते समय ही शिव मंदिर के पास लगभग 200 मीटर में सड़क निर्माण को छोड़ दिया गया जो आज भी उसी प्रकार से पड़ा है । और राहगीरों को आने जाने में भारी परेशानी हो रही है ।मोहल्ला वासी रास्ता बदल कर आने जाने को विवश हैं। बरसात के समय में इस गड्ढे में भारी जल भराव हो जाता है ,जिससे भी लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है ।प्रताप नगर वार्ड के निवासी रवि त्रिपाठी ,नवीन बख्शी,नीरज श्रीवास्तव एडवोकेट ,देवेंद्र धर द्विवेदी, कमलेश मिश्रा आदि लोगों ने नगर पालिका परिषद बांसी से सड़क के इस गड्ढे में मिट्टी भरवाने तथा उस पर इंटरलॉकिंग कराने की मांग की है जिससे मोहल्ला वासियों को आवागमन से राहत मिल सके।
भारत गाँवों का देश है । हमारे देश की साठ-सत्तर प्रतिशत जनसंख्या अब भी गाँवों में ही रहती है । गाँव का जीवन शहरी जीवन से अलग होता है । यहाँ की आबोहवा में जीना सचमुच आनंददायी होता है । गाँवों में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं । यहाँ भारत की सदियों से चली आ रही परंपराएँ आज भी विद्यमान हैं । यहाँ के लोगों में अपनापन और सामाजिक घनिष्ठता पाई जाती है । यहाँ खुली धूप और हवा का आनंद उठाया जा सकता है । यहाँ हरियाली और शांति होती है । हमारे गाँव भारत की कृषि व्यवस्था के आधार हैं । यहाँ कृषकों का निवास होता है । गाँव के चारों ओर खेत फैले होते हैं । खेतों में अनाज एवं सब्जियों उगाई जाती हैं । गाँवों में तालाब और नहरें होती हैं । इनमें संग्रहित जल से किसान फसलों की सिंचाई करते है । गाँवों में खलिहान होते हैं । यहाँ पकी फसलों को तैयार किया जाता है । गाँवों में खेती क अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय किए जाते हैं । पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है तथा कृषि कार्य में सहायता मिलती है । पशुओं का गोबर खाद का काम करता है । पशु दूध देते हैं तथा बैल, भैंसा आ...
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