Skip to main content

मुंबई में रेलवे ब्रिज पर भगदड़ में 22 की मौत, चश्मदीदों ने कहा, सरकार की लापरवाही

मुंबई के एलफिंसटन रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर शुक्रवार को भगदड़ मच गई। आंकड़ों के मुताबिक, इस भगदड़ में 22 लोगों की मृत्यु हो गई और कई घायल हो गए हैं। घायलों को इलाज के लिए परेल के केईएम हॉस्पिटल ले जाया गया है। ऐसीआशंका है कि मृतकों की संख्या और ज्यादा हो सकती है। यह घटना सुबह 10.45 बजे की है। घटना स्थल पर एनडीआरएफ और मेडिकल टीम पहुंच गई हैं। रेलवे प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
एजेंसी से मिली खबरों की मानें को अचानक हुई बारिश की वजह से लोग बड़ी संख्या में स्टेशन पर जमा हो गए और बारिश के रुकने का इंतजार करने लगे। जब बारिश रुकी तब लोगों में अफरातफरी हो गई और इसकी वजह से भगदड़ मच गई। हालांकि अभी तक पूरी तरह से यह साफ नहीं है कि ऐसा क्यों हुआ, लेकिन जो शुरुआती जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक ब्रिज के एक शेड के गिरने की अफवाह के फैलने से ऐसा हुआ। भगदड़ के कारणों की जांच की जा रही है। यह ब्रिज वेस्टर्न और ईस्टर्न रेलवे लाइन को जोड़ता था और इस ब्रिज पर आमतौर पर काफी भीड़ रहती है।

मीडिया वालों से बात करते हुए चश्मदीदों ने कहा कि सारी गलती सरकार की है। वह ब्रिज काफी छोटा और संकरा है और सीढ़ियां काफी खराब है, जिसकी वजह से लोग फिसलते गए और इस तरह कई लोगों की जान चली गई। लोगों के फिसलने के बाद अफवाह फैली और नीचे उतरने की जल्दबाजी में लोग एक-दूसरे पर चढ़ते चले गए और इसकी वजह से यह भीषण त्रासदी हो गई। इस हादसे लोगों में रेलवे की लापरवाही को लेकर जबरदस्त गुस्सा है। लोगों ने रेल मंत्री पीयुष गोयल और बीजेपी सरकार हाय-हाय के नारे भी लगाए।
रेल पुल हादसे से लोग बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि इस पुल की देखरेख नहीं होती थी और इस पर क्षमता से अधिक लोगों का आना जाना था। उनका आरोप है कि रेलवे का कोई भी सुरक्षा कर्मी या अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। स्थानीय लोगों ने ही घायलों की मदद की और उन्हें एंबुलेंस तक पहुंचाया

लोगों का गुस्सा जायज भी लगता है क्योंकि लोग लगातार वेस्टर्न रेलवे और रेलमंत्री को इस पुल की जर्जर हालत के बारे में बताते रहे हैं। शुभांकर जाधव नामक व्यक्ति ने जुलाई महीने में ही इस पुल की तस्वीरों के साथ वेस्टर्न रेलवे और तब के रेल मंत्री सुरेश प्रभु को इस पुल की हालत से अवगत कराया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी

Comments

Popular posts from this blog

गाँव का जीवन और रहन सहन

भारत गाँवों का देश है । हमारे देश की साठ-सत्तर प्रतिशत जनसंख्या अब भी गाँवों में ही रहती है । गाँव का जीवन शहरी जीवन से अलग होता है । यहाँ की आबोहवा में जीना सचमुच आनंददायी होता है । गाँवों में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं । यहाँ भारत की सदियों से चली आ रही परंपराएँ आज भी विद्‌यमान हैं । यहाँ के लोगों में अपनापन और सामाजिक घनिष्ठता पाई जाती है । यहाँ खुली धूप और हवा का आनंद उठाया जा सकता है । यहाँ हरियाली और शांति होती है । हमारे गाँव भारत की कृषि व्यवस्था के आधार हैं । यहाँ कृषकों का निवास होता है । गाँव के चारों ओर खेत फैले होते हैं । खेतों में अनाज एवं सब्जियों उगाई जाती हैं । गाँवों में तालाब और नहरें होती हैं । इनमें संग्रहित जल से किसान फसलों की सिंचाई करते है । गाँवों में खलिहान होते हैं । यहाँ पकी फसलों को तैयार किया जाता है । गाँवों में खेती क अलावा पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय किए जाते हैं । पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है तथा कृषि कार्य में सहायता मिलती है । पशुओं का गोबर खाद का काम करता है । पशु दूध देते हैं तथा बैल, भैंसा आ...

सिद्धार्थनगर का परिचय

जिले का इतिहास भगवान गौतम बुद्ध से जुड़ा है | इनके पिता शुद्धोधन की राजधानी कपिलवस्तु इसी जिले में है | इस जनपद का नामकरण गौतुम बुद्ध के बाल्यावस्था नाम राजकुमार सिद्धार्थ के नाम पर हुआ है | अतीतकाल में वनों से आच्छादित हिमालय की तलहटी का यह क्षेत्र साकेत अथवा कौशल राज्य का हिस्सा था | ईसा पूर्व छठी शताब्दी में शाक्यों ने अपनी राजधानी कपिलवस्तु में बनायीं और यहाँ एक शक्तिशाली गणराज्य कि स्थापना की | काल के थपेड़े से यह क्षेत्र फिर उजाड़ हो गया | अंग्रेजी शासन में ज़मींदारो ने यहाँ पर पैर जमाया | सन 1865 में गोरखपुर से पृथक बस्ती जिले के सृजन के बाद यह क्षेत्र बस्ती जिले में आ गया | 29 दिसम्बर 1988 को राजकुमार सिद्धार्थ के नाम पर जनपद बस्ती के उत्तरी भाग को पृथक कर सिद्धार्थनगर जिले का सृजन किया गया | उत्तर प्रदेश सरकार, राजस्व अनुभाग-5 के अधिसूचना संख्या-5-4-(4)/76-135-रा0-5(ब) दिनांक 23 दिसम्बर 1988 के आधार पर दिनांक 29 दिसम्बर 1988 से जनपद-सिद्धार्थनगर नामक नये जिले का सृजन किया गया | यह जिला पूर्व में बस्ती जिले का हिस्सा था | तहसील-बांसी, नौगढ़ और डुमरियागंज तहसीलो...

सपा नेता चिनकू यादव की सुरक्षा व अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन

।  समाजवादी पार्टी के नेता और डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार रहे चिनकू यादव को हत्या की धमकी देने वाले के विरूद्ध कारवाई न होने से आक्रोशित सपाइयों व यादव सेना ने मिल कर जिला मुख्यालय पर प्रदर्श किया तथा प्रशासन को ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग की। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दिया है कि अभियुक्त की गिरफ्तारी न होने पर आगे बड़ा आंदोलन किया जायेगा। मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ और यादव सेना के तत्वावधान में  कार्यकर्ताओं और चिनकू यादव के समर्थकों ने आज जिला मुख्यालय के सिद्धार्थ तिराहे तक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सपा नेता को हत्या की धमकी देने वाले की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि धमकी देने वाले का मोबाइल नम्बर पुलिस को दिया गया है मगर प्रशासन दोषी को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारे लगाते सभी प्रदर्शनकारी दोपहर दो बजे कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे और जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर चिनकम यादव को सुरक्षा प्रदान करने व उन्हें धमकी देने वाले की मांग की। बताते ...