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केरलः RSS द्वारा संचालित मंदिर में मिले सात बम, छान बीन में जुटी पुलिस

कन्नूर –  साल 2008 में महाराष्ट्र एटीएस के चीफ हेमंत करकरे ने इस बात का खुलास किया था कि आरएसएस के कार्यकर्ता आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हैं। वे कुछ और खुलासा करते तभी पाकिस्तान से आये आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला कर दिया और करकरे उस हमले में शहीद हो गये। केरला और पश्चिम बंगाल दक्षिणपंथी संगठनों के विशाने पर है। अब  केरला के कन्नूर जिले के आरएसएस कार्यालय में पुलिस को सात उच्च शक्ति के विस्फोटक मिलने का मामला सामने आया है.

न्यूज क्लिक की खबर के अनुसार ये विस्फोतल आरएसएस द्वारा संचालित भगवाथी मंदिर से मिले है,NEWSFLICK ने स्थनीय लोगो के बयानों के आधार पर ये पुष्ठी की है कि इस मंदिर के प्रबंधक आरएसएस द्वारा होता है. पिछले साल इस मंदिर में आरएसएस द्वारा ही बच्चो के लिए शोभा यात्रा निकाली गयी थी.अभी पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है. पुलिस का दावा है कि इन बमों को हाल ही में बनाया गया है.

पिछले साल अगस्त में श्री कृष्ण जयंती के अवसर पर एक आरएसएस सदस्य दीक्षित की बम बनाते हुए कन्नूर के थालास्सेरी में मौत हो गयी थी,उसके घर से पुलिस को बड़े पैमाने पर विस्फोटक मिले थे. न्यूज़फ्लिक के अनुसार इस मंदिर के अहाते में आरएसएस अपने कार्यकर्ताओ को हथियार चलाने की ट्रेंनिंग भी देता रहा है.सत्ताधारी सीपीएम और विपक्षी कांग्रेस का आरोप है कि आरएसएस यहाँ पर बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों में तनाव पैदा करने के लिए प्रोपगंडा और हथियारों की ट्रेंनिंग का अभियान चला रहा है.
2017 मार्च में तो आरएसएस कार्यकर्त्ता पर कूथुपरम्बा के अमपीलाडू के नित्तुकोमम मंदिर में आये भक्तो पर हमले का आरोप लगा था.आरएसएस की सक्रियता और अभियान के बावुजूद राज्य में कोई बड़ी सामुदायिक हिंसा की घटना नही हुयी. ये अलग बात है कि आरएसएस और सीपीएम कार्यकर्ताओ में कई बार खुनी संघर्ष हुआ है जिसमे आरएसएस और सीपीएम के कई कार्यकर्ताओ की हत्या हुयी है.
कुछ दिनों पहले एक आरएसएस कार्यकर्त्ता की हत्या के बाद केन्द्रीय सरकार और भाजपा ने सीपीएम सरकार की जमकर आलोचना की थी उसके बाद अभी तक कोई हिंसक झड़प की खबर नही है.


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