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पति के शव के साथ बिलखती पत्नी को,रात में सड़क पर छोड़ कर चली गई PGI की एम्बुलेंस

देश की सबसे अच्छी मेट्रोपोलिटिन सिटी कहे जाने वाले चंडीगढ़ में बने सब्सि अच्छे PGI ने देश मे चंडीगढ की इंसानियत को ही शर्मसार कर दिया। PGI और उनकी एम्बुलेंस स्टॉफबका खून इतना सफेद हो गया कि अकेली पत्नी के साथ उंसके मृत पति की लाश को रात में अकेला सड़क पर छोड़कर चले गये। केंद्र सरकार और PGI प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एम्बुलेंस के जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।
इस बात की गवाह है रातभर सड़क पर पति की लाश के साथ लिपटकर रोती रही महिला। एम्बुलेंस ने रात को सड़क पर ही छोड़ दी थी लाश। मामला यमुनानगर के शादीपुर का है जहां के निवासी एक व्यक्ति की चंडीगढ स्थित पीजीआई में मौत हो गई थी।
उसकी लाश को गांव ले जाने वाली एम्बुलेंस बीच रास्ते से ही लौट गई। लाचार महिला रात भर लाश पर रोती रही कोई मदद के लिए नहीं आया। सुबह किसी ने सूचना पुलिस को दी तो पुलिस ने मौके पर पहुंच लाश को शमशान घाट भिजवाने का काम किया! जानकारी के मुताबिक बिहार के बलिया निवासी धर्मेंद्र नाम का व्यक्ति यमुनानगर की एक फैक्टरी में काम करता था।
अचानक उसकी तबियत खराब हुई तो पत्नी उसे इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल ले गई। लेकिन बुखार बढ़ता गया और हालत गम्भीर हो गई तो सिविल हॉस्पिटल से उसे पीजीआई चंडीगढ़ भेज दिया गया! जहाँ एक दिन बाद धर्मेन्द्र ने दम तोड़ दिया। पति का शव लाने के लिए जैसे तैसे महिला को एम्बुलेंस मिली लेकिन एम्बुलैंस वाले रात के अंधेरे में शादीपुर रोड पर शव और महिला को उतार कर चले गए!
सुबह उस महिला को रोता देख कर भी कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। एक शादीपुर निवासी राहगीर रविकांत ने इस महिला को शव के साथ रोते देखा। वह सुबह की सैर के लिए साढे चार बजे घर से निकला था और जब 6 बजे वह वापस घर जा रहा था तो उसने महिला को शव के पास सड़क पर रोते हुए देखा। उसने पूछा कि क्या हुआ तो महिला ने बताया कि एम्बुलेंस रात को शव के साथ ऐसे ही सड़क पर छोड़ गई है।
राहगीर इधर उधर पता करके रिश्तेदारों तक पहुंचा और वो मिल भी गए। लेकिन यहां मौजूद भीड़ में से कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। महिला ने रोते-रोते अपना दर्द बयान किया और बताया कि मेरे पति बीमार हुए और मैं सिविल हॉस्पिटल ले गयी जिसके बाद इनकी तबियत और बिगड़ी और बाद में सिविल हॉस्पिटल ने पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया।
बुखार दिमाग तक पहुंच गया था और इनके दिमाग की नसँ फट गई। पीजीआई में कल इनकी मौत हो गयी और मौत के बाद रात करीब 2 बजे एम्बुलेंस ने शादीपुर रोड पर ही शव और मुझे उतार दिया। मैं बोलती रही कि हमे आगे जाना है। मैं रात को ये शव कैसे लेकर जाऊंगी लेकिन फिर भी उन्होंने एक न सुनी और यहां उतार कर चले गए। रात भर में रोती रही शव के साथ मदद के लिए कोई नहीं आया। मैं लाचार थी।
सुबह महिला के साथ शव की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुची। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि बिहार निवासी धर्मेंद्र नाम का व्यक्ति काफी दिनों से बीमार चल रहा था और इलाज के दौरान पीजीआई चंडीगढ़ में उसकी मौत हो गयी और एम्बुलेंस इनको यहां उतार कर चली गयी! जानकारी मिलते ही हम आए और शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट पहुंचाने का काम किया।

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